एली अवराम - एक सपनों की मुसाफिर और भारतीय दिलों की रानी || Elli Avram - A dream traveller and the queen of Indian hearts in Hindi
परिचय:
फिल्मी दुनिया की चमक-धमक से दूर, जब एक विदेशी लड़की भारत की ओर चल पड़ती है सिर्फ एक सपना लेकर – तो वो कहानी साधारण नहीं हो सकती। एली अवराम की कहानी कुछ ऐसी ही है। एक स्वीडिश लड़की जिसने अपने दिल की आवाज़ सुनी और मुंबई की गलियों में अपने सपनों को ढूंढने निकल पड़ी। इस लेख में हम एली अवराम की ज़िंदगी के उन पहलुओं को छुएंगे जो शायद आपने कभी किसी वेबसाइट या मैगज़ीन में नहीं पढ़े होंगे – एक बेहद मानवीय, भावनात्मक और प्रेरणादायक यात्रा।
शुरुआत स्वीडन से:
एली अवराम का असली नाम एलीजा अवराम है। वो स्वीडन के स्टॉकहोम में जन्मी थीं। उनकी मां ग्रीक थीं और पापा स्वीडिश। उनका बचपन संगीत, नृत्य और रंगमंच के बीच बीता। उन्हें छोटी उम्र से ही फिल्मों से प्यार हो गया था। लेकिन बॉलीवुड का दीवाना होना उनके लिए किसी "सपने जैसा पागलपन" था। उनके दोस्तों ने कभी सोचा भी नहीं था कि एली सचमुच भारत जाएगी।
पर एली को सिर्फ फिल्मों से नहीं, भारत की संस्कृति, रंग, संगीत और लोगों से प्यार हो गया था। उन्होंने छोटी उम्र में ही हिंदी सीखनी शुरू कर दी थी। वो अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और शाहरुख खान की फिल्में देख-देखकर बड़ी हुईं।
भारत का सफर – अकेली लेकिन जज़्बे से भरपूर:
2012 में एली ने अपने बैग पैक किए और मुंबई आ गईं – न किसी कनेक्शन के साथ, न कोई बड़ा प्रोड्यूसर जानती थीं। उनके पास न ज्यादा पैसे थे, न कोई बड़ा एजेंट। लेकिन था तो सिर्फ एक आत्मविश्वास – कि वो कुछ बड़ा करेंगी।
शुरुआती दिनों में उन्होंने खुद हिंदी सीखी, लोकल ट्रेनों में सफर किया, ऑडिशन पर ऑडिशन दिए। कई बार रिजेक्ट हुईं। एक बार तो किसी कास्टिंग डायरेक्टर ने कह दिया, “तुम्हारा चेहरा इंडियन रोल के लिए फिट नहीं है।” लेकिन एली ने हार नहीं मानी।
एली अवराम - एक सपनों की मुसाफिर और भारतीय दिलों की रानी || Elli Avram - A dream traveller and the queen of Indian hearts in Hindi - AI Generated Image
पहला ब्रेक और बिग बॉस में धमाका:
उनका पहला बॉलीवुड डेब्यू हुआ फिल्म Mickey Virus (2013) में। हालांकि फिल्म बहुत बड़ी हिट नहीं रही, लेकिन एली के अभिनय और उनकी मासूमियत ने सबका ध्यान खींचा।
फिर आया बिग बॉस। 2013 में जब वो बिग बॉस में कंटेस्टेंट बनकर आईं, तब उन्हें असली पहचान मिली। उनकी हिंदी भले टूटी-फूटी थी, लेकिन उनका अंदाज़, सादगी और विनम्रता ने दर्शकों का दिल जीत लिया। भारत के करोड़ों दर्शकों ने उन्हें एक विदेशी नहीं, बल्कि “अपनी” समझ लिया।
बॉलीवुड में पहचान बनाना आसान नहीं था:
बिग बॉस के बाद उन्होंने कई आइटम डांस किए – Kis Kisko Pyaar Karoon में कपिल शर्मा के साथ, Naam Shabana में "Zubi Zubi", और Baazaar में "Billionaire" जैसे गाने।
कई लोगों ने उन्हें सिर्फ एक ग्लैमरस चेहरा समझा, लेकिन एली अंदर से एक मेहनती कलाकार हैं। उन्होंने एक्टिंग की ट्रेनिंग ली, क्लासिकल डांस सीखा और हिंदी को सुधारने में कई साल लगा दिए।
वो हर दिन स्क्रिप्ट पढ़ती थीं, डायरेक्टर से फीडबैक लेती थीं। उन्होंने कभी खुद को सुपरस्टार नहीं समझा, बल्कि एक "सीखती हुई स्टूडेंट" मानती रहीं।
एली की एक अलग कहानी – बच्चों के लिए काम और समाज सेवा:
बहुत कम लोगों को पता है कि एली बच्चों के लिए काम करती हैं। उन्होंने भारत में कई NGO से जुड़कर गरीब बच्चों की पढ़ाई, खाना और कपड़े की व्यवस्था में मदद की है।
कोरोना काल में भी जब कई सेलेब्रिटी घर में बंद थे, एली ने जरूरतमंद परिवारों तक राशन पहुँचाया। उन्होंने कभी मीडिया में इसे नहीं दिखाया, क्योंकि वो मानती हैं कि “नेकी करने के लिए कैमरे की जरूरत नहीं।”
प्रेम और रिश्तों पर एली का नजरिया:
एली का नाम कई बॉलीवुड सितारों के साथ जुड़ा, लेकिन उन्होंने कभी अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर बातें नहीं कीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “मेरे लिए प्यार एक बहुत गहरी भावना है, मैं इसे फिल्मी तमाशा नहीं बनाना चाहती।”
उनकी ये परिपक्व सोच दिखाती है कि वो सिर्फ एक सुंदर चेहरा नहीं, बल्कि दिल और दिमाग से भी मजबूत हैं।
भविष्य की योजनाएं:
एली अब सिर्फ आइटम नंबर्स तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। उन्होंने कुछ ओटीटी प्रोजेक्ट्स साइन किए हैं जिनमें वो मुख्य भूमिका में होंगी। साथ ही वो भारत में एक डांस स्कूल खोलने का सपना देख रही हैं – जहाँ विदेश से आए लोग भारतीय शास्त्रीय नृत्य सीख सकें।
एक विदेशी लेकिन भारतीय दिल वाली लड़की:
एली अवराम की कहानी हमें सिखाती है कि अगर आपके अंदर जुनून है, तो दुनिया की कोई दीवार आपको रोक नहीं सकती। उन्होंने एक नया देश अपनाया, उसकी भाषा सीखी, संस्कृति में घुल-मिल गईं और लोगों के दिल में अपनी जगह बनाई।
वो सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं हैं – वो भारत और स्वीडन के बीच की एक खूबसूरत पुल हैं।
निष्कर्ष:
आज की दुनिया में, जब लोग सिर्फ शॉर्टकट और लाइमलाइट के पीछे भागते हैं, एली अवराम की कहानी एक मिसाल है – कि मेहनत, सच्चाई और विनम्रता से ही सच्ची सफलता मिलती है। उन्होंने न सिर्फ एक विदेशी के तौर पर भारत में पहचान बनाई, बल्कि लाखों भारतीयों को दिखाया कि सपने सच हो सकते हैं – अगर हम उनके पीछे पूरे दिल से भागें।
लेखक की कलम से:
एली अवराम की यह कहानी मैंने उनके सार्वजनिक जीवन से अलग, उनकी असली इंसानियत और जज़्बे को महसूस करके लिखी है। अगर आप भी ज़िंदगी में कुछ कर गुजरना चाहते हैं, तो एली की तरह अपने डर को छोड़िए और अपने दिल की आवाज़ सुनिए।
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